Write the difference between the (i) RAM, (II) ROM. (III) EPROM, (iv) PROM (v) EEPROM
DIPLOMA IN COMPUTER APPLICATION
COMPUTERS FUNDAMENTALS
UNIT-I
Write the difference between the following: (i) RAM, (II) ROM. (III) EPROM, (iv) PROM (v) EEPROM
RAM (Random Access Memary)
RAM को Read/Write मेमोरी भी कहते हैं, क्योंकि इस मैमोरी में हम डाटा को संग्रहित करने के साथ-साथ उस संग्रहित डाटा को पढ़ भी सकते हैं। RAM कम्प्यूटर की अस्थायी मेमोरी होती है इनपुट डिवाइस (Device) द्वारा इनपुट किया गया घटा किया (Processing) से पहले RAM में ही संग्रहित होता है और C.P.U. द्वारा आवश्यकतानुसार से प्राप्त कर लिया जाता है। RAM में डाटा था प्रोग्राम अस्थायी रूप से संगति होता है। कम्प्यूटर बंद हो जाने पर या विद्युत प्रवाह
रुक जाने पर RAM में संग्रहित मिट जाता है, इसलिए RAM को Volatile या अस्थायी मैमोरी भी कहते हैं। RAM की क्षमता या आकार भिन्न-भिन्न होते हैं, जैसे-IMB, 2MB, 4MB, 16MB, 32MB, 64MB, 128MB] आदि। चूंकि RAM की किसी भी लोकेशन (Location) का डाटा व निर्देशों का संग्रह एवं वापस प्राप्त करना यह सब रेडमी (Randomly)) होता है। अतः सभी लोकेशन (Locations) का Access Time समान होता है।
प्रत्येक Wond में बिट्स की संख्या 'समान Wond-lengthकरती है।
RAM की विशेषताएँ RAM की प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित है-
RAM User Program को करने हेतु आवश्यक सिस्टम Program को भी
(a) मेन मेमोरी हमेशा CPU द्वारा ही एड्रेस की जाती है।
(i) इसमें सूचना को पद्म एवं लिखा भी जा सकता है। पर्सनल कम्प्यूटर में साधारणतया निम्नलिखित दो प्रकार की RAM का प्रयोग किया जाता है-
(1) डायनैमिक रैम (RAM)- नैमिक रेम को संक्षिप्त में DRAM के नाम से भी जाना जाता है। DRAM को
(Refresh) करने की पड़ती है।श का अर्थ यहाँ पर चिप को विद्युत आवेशित करता है। यह एक सेट में
बारिश होती है। बार-बार रिफ्रेश करने के कारण यह दूसरे रैम की अपेक्षा धीमी होती है। (D) स्टैटिक रैम (SRAM)- यह कम रिफ्रेश होती है, जिसके फलस्वरूप अधिक समय तक रहता है। स्टेटिक रेम को
में SRAM के नाम से भी जाना जाता है। SRAM अन्य सभी मूल की अपेक्षा अधिक तेज एवं महंगी रोती है। (ii) ROM (Read Only Memory) ROM (Read Only Memory) कम्प्यूटर की स्थायी मेमोरी होती है, जिनमें कम्प्यूटर निर्माताओं द्वारा प्रोग्राम संचित करके स्थायी कर दिये जाते हैं, जो समयानुसार कार्य करते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर आने को निर्देश देते रहते हैं।
बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम (Basic Input-Output System : BIOS) नामक प्रोग्राम ROM का ही है। कम्प्यूटर के आन होने पर उसकी सभी इनपुट-आउटपुट डिवाइसेज को चैक करने एवं नियन्त्रित करने का कार्य करता है। इस मेकी में संग्रहीत प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते हैं, उन्हें केवल पढ़ा ही जा सकता है; इसलिये इस मेमोरी को Read Only Memory कहते हैं। कम्प्यूटर के बन्द हो जाने या विद्युत प्रवाह बन्द हो जाने पर भी इसमें संग्रहीत प्रोग्राम नष्ट नहीं होते हैं। जब ROM को Non-volatile या स्थायी संग्रह माध्यम भी कहते हैं। आरम्भ में ROM के लिये यह बाध्यता थी कि कम्प्यूटर निर्माता भी एक बार किसी प्रोग्राम को ROM चिप पर संग्रहीत करने के
बाद उसे न तो मिटा सकते थे और न ही उस प्रोग्राम में संशोधन कर सकते थे, परन्तु बाद में PROM. EFROM EEPROM की ROM बनायी गयी, जिनके अलग-अलग लाभ हैं। -
PROM (Programmable Read Only Memory)
इस मेमोरी में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार अधित किया है सकता है-और एक बार होने के बाद इन्हें मिटाया जा सकता है और न ही इनमें कोई परिवर्तन किया ज
EPROM (Erasable Programming Read Only Memory)
यह PROM के समान ही होती है, परन्तु इस प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) द्वारा मिटाये जा सकते हैं और नये प्रोग्राम संगीत किये जा सकते हैं। इसको मिटाने के लिये एक विशेष यन्त्र की आवश्यकता होती है जिसे IC प्रोग्रामर कहते हैं।
EEPROM
(Electrical Erasable Programming ROM EEPROM पर किये गये करे विधि से मिटाया जा सकता है। इस पर उपस्थित प्रोग्राम को मिटाने या संशोधित करने के लिये किसी की है। Electrical Signal जो कि कम्प्यूटर में ही उपलब्ध होती है, हमारे द्वारा कम देने पर प्रोग्राम को देते है।
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